Archive for Crew Link

Running Staff Takkar Morcha

Running Staff

Takkar Morcha

23 Feb 2010

at 16:30 Hrs

Station to DRM Officeimage

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For 18000 RngStaff 15 Billion Dollars will be spent within 3 Years for Up-gradation of CMS by CRIS! RngStaff Be aware? Expenses may be shown in our A/c (PlanHead). How it will be balanced?

18 हजार ट्रेन कर्मचारियों के लिए 15 अरब डॉलर आईटी सिस्टम आपग्रेड करेगी

आधुनिक टेक्नोलॉजी से रेलवे में हो रहा परिवर्तन

अब तक रेलवे ड्राइवर को ट्रेन सौंपने का कार्य मैन्युअली करती थी. पहले यह तय नहीं था और विद्यमान ड्राइवर को यह जानकारी भी नहीं होती थी कि अगले स्टेशन पर ड्यूटी समाप्त होने पर वह इंजन किस ड्राइवर को सौंपेगा, परंतु अब ऐसा नहीं रहेगा. अब रेलवे में नई टेक्नोलॉजी के कारण स्थिति में बहुत परिवर्तन आया है. अब भारतीय रेल के 18,000 ट्रेन चालक दल, नई क्रू प्रबंध सिस्टम (सीएमएस) का लाभ उठाएंगे. यह एक इनहाऊस ड्राइवर डिक्लप्ड सॉफ्टवेयर है. इसमें बायोमेट्रिक पहचान अर्थात ड्राइवर की पहचान की व्यक्तिगत सांख्यिकी होगी और इसी पहचान के आधार पर ट्रेन आवंटन होगी. इस सिस्टम में प्रत्येक इंजिन क्रू के विवरण रहेंगे. इसी के आधार प्रत्येक चालक और ट्रेन का टाइम टेबल पहले से ही निर्धारित रहेगा. भारतीय रेलवे 37,000 करोड़ के बजट वाली एक स्वतंत्र और सर्वोपरि अर्थव्यवस्था है. प्रतिदिन 18,000 सवारी गाडिय़ों में 1.80 करोड़ यात्री यात्रा करते हैं. आगामी तीन वर्षों के अंदर-अंदर इस सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिए 15 अरब डॉलर व्यय होने की संभावना है.
चालक दल को योग्य रीति से काम मिलेगा. राजधानी, शताब्दी और सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने/संचालन के लिए एक अलग विशिष्ट कौशल्य की जरूरत होती है. डीजल और विद्युत संचालित इंजनों के लिए भी विशिष्ट कौशल जरूरी है. अब हम चालक दल के सदस्य और उनके नंबर पर सर्च कर यह जान सकते हैं कि वह इस समय कहा है. सेंटर फार रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (सीआरआईएस) CRIS ने वर्ष 2006 में क्रू मैनेजमेंट पाइलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. इससे अब चालक दल के सदस्यों को उनके परिजन जान सकते हैं कि वे इस समय कहा हैं.

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NRMU Opposed “Optimization of Crew Link” COM’s Proposal (visit: http://www.LTRSNRMU.blogspot.com )

Unite to Save Surrendering of Huge No’s of Running Staff posts.

      As per Central Railway COM Office’s L.No.253.AC.PNM Dated 15-27/07/209 signed jointly by

Dy.CEE(Op),

Dy.CME(P&F) &

Dy.COM(Gds)

Administration suggested following links related to SUR Div Crew:-

  1. BSL Crew will work 1078/2779, 2780/2627, 2628/1077 between BSL-DD-BSL section
  2. DD crew will work 1020/7031, 1042/1041, 7032/1019 & 6530/6529 between DD-CSTM-DD
  3. DD crew will work 1014/1013 between DD-LTT-DD

NRMU opposed to this proposal of “Optimization of Crew Link” which will surrender running staff posts.

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गरीब रथ

मंडलों की लड़ाई में खिलौना बनी गरीब रथ

 

कानपुर :- नई दिल्ली से रांची जाने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस को जबरन कानपुर सेंट्रल तक लाने का पूरा मामला एक ‘शर्मनाक नाटक’ था। रेल मंडलों के वर्चस्व की लड़ाई में कानपुर के चालकों ने अफवाह फैलाई थी ट्रेन को अप्रशिक्षित चालक लेकर निकल भागे। जबकि ट्रेन लाने वाले गाजियाबाद के दोनों चालक मेल और एक्सप्रेस के हैं। अलबत्ता रेलवे अफसरों की चुप्पी के कारण यह घटना सनसनी बन गयी।

बुधवार को नई दिल्ली से चली गरीब रथ एक्सप्रेस को चालक हर स्वरूप और सहायक चालक रामेश्वर कानपुर सेंट्रल लाए। ट्रेन के यहां पहुंचने से पहले ही कानपुर सेंट्रल के चालकों ने जबरन ट्रेन लेकर आने की अफवाह फैला दी। इसे लेकर बवाल हो गया। रेल मंडल प्रबंधक दीपक दबे ने गुरुवार को बताया कि कानपुर में कुछ चालकों ने अफवाह फैलाई थी, सच्चाई यह है कि गाजियाबाद के दोनों चालक मेल एक्सप्रेस के हैं। उन्हें ही ट्रेन लानी थी। वे नशे में भी नहीं थे। इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। गाजियाबाद के दोनों चालक सेंट्रल स्टेशन से रात में ही अपने डिवीजन के लिए रवाना हो गए। फिर भी पूरे मामले की जांच होगी। जिन्होंने अफवाह फैलाई, उनके खिलाफ जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, मामला इलाहाबाद और दिल्ली मंडल के वर्चस्व का है। कोई भी नई ट्रेन चलती है तो दोनों मंडल का स्टाफ उसे लेना चाहता है।

नई ट्रेन क्यों लेना चाहते हैं मंडल :

सूत्रों के अनुसार नयी ट्रेन लेने के पीछे उद्देश्य होता है कि इसमें मंडल के टीसी, टीटीई, चालक, गार्ड या सभी अतिरिक्त स्टाफ समायोजित हो जाता है। चालक, गार्ड व अन्य स्टाफ को यात्रा भत्ता भी किमी के हिसाब से फिक्स हो जाता है। पदोन्नति के मौके भी बढ़ जाते हैं।

इन ट्रेनों को लेकर हो चुका विवाद :

स्वर्णशताब्दी एक्सप्रेस को लेकर लखनऊ और कानपुर मंडल में ठनी। प्रयागराज एक्सप्रेस चली तो कानपुर और इलाहाबाद मंडल में टकराव हुआ। उद्योगनगरी एक्सप्रेस व बेतवा एक्सप्रेस चली तो झांसी मंडल और कानपुर मंडल आमने-सामने आए। गरीब रथ एक्सप्रेस को लेकर दिल्ली और कानपुर में तनातनी है।

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